बजट सत्र: सरकार ने सदन में पेश किया आर्थिक सर्वेक्षण; छत्तीसगढ़ की जीडीपी में 5.32% वृद्धि का अनुमान

रायपुर. विधानसभा में प्रदेश सरकार की ओर से सोमवार को आर्थिक सर्वेक्षण 2019-20 के आंकड़े सदन में रखे गए। मंत्री अमरजीत सिंह भगत ने इन आंकड़ों को पेश करते हुए बताया कि छत्तीसगढ़ की जीडीपी में वर्ष 2019-20 के दौरान 5.32 फीसदी वृद्धि का अनुमान है। वहीं बताया गया कि प्रति व्यक्ति आय में 5685 रुपए की बढ़ोतरी अनुमानित है। जो कि वर्ष 2018-19 की तुलना में 6.35 प्रतिशत ज्यादा है। वर्ष 2018-19 में 92413 रुपए थी, जो कि बढ़कर 98281 रुपए पहुंच सकती है। 



सदन में सर्वे के आंकड़े पेश करते हुए मंत्री भगत ने कहा कि जीडीपी 2018-19 की तुलना में 304063 करोड़ रुपए से बढ़कर वर्ष 2019-20 में 329180 करोड़ रुपए संभावित है। इस तरह से 8.26 % की वृद्धि का अनुमान है। इसमें कृषि क्षेत्र में 3.31 %, उद्योग क्षेत्र में 4.94 % और सेवा क्षेत्र में 6.62 % वृद्धि अनुमानित है। जीडीपी में इस वर्ष 7.06 फीसदी की वृद्धि हुई है। जो कि गत वर्ष 2017-18 की तुलना में 7.06 फीसदी ज्यादा है। इसमें कृषि क्षेत्र में 10.28 % उद्योग में 5.32 % और सेवा क्षेत्र में वर्ष 2018-19 में 7.76 % की वृद्धि दर्ज की गई है। 


प्रदेश में आयकर छापों पर सदन में हुआ हंगामा
इससे पहले शून्यकाल के दौरान प्रदेश में आयकर छापे का मामला गूंजा। विपक्ष ने आरोप और सरकारी गतिविधियों पर चर्चा की मांग रखी। भाजपा सदस्य शिवरतन शर्मा ने इस मामले काे सदन में उठाया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार आयकर के छापों को रोकने की कोशिश कर रही है। पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर ने कहा कि सारे मंत्रियों ने छापे रोकने की कोशिश की। इन पर शासकीय कार्य में बाधा को लेकर एफआईआर दर्ज की जानी चाहिए। इसके बाद दोनों पक्षों में तीखी नोकझोंक शुरू हो गई। 



जेसीसीजे विधायक धर्मजीत सिंह ने कहा कि पश्चिम बंगाल में भी सीआरपीएफ की मौजूदगी में छापेमारी की गई थी। प्रदेश में मंत्रियों ने रोकने का प्रयास किया। मुख्यमंत्री दिल्ली चले गए, कांग्रेस सड़क पर उतर गई। इस तरह की बातें अच्छी नहीं है। सरकार को इस संबंध में आयकर विभाग के प्रेस कॉन्फ्रेंस प्रतीक्षा करनी चाहिए थी। विधायक धर्मजीत सिंह की टिप्पणी पर सदस्यों के बीच तीखी नोकझोंक हुई। नगरीय प्रशासन मंत्री शिव डहरिया ने कहा कि दुर्भावना के तहत कार्रवाई की जा रही है। इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। 



पूर्व सीएम जोगी बोले- चोर की दाढ़ी में तिनका
पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने कहा कि जो छापे मारे गए वह कारोबारी या अधिकारियों के घर मारे गए हैं। यह कमोबेश वैसी ही स्थिति है की सूत न कपास जुलाहों में लट्ठमलट्ठा। उन्होंने कहा कि एक मुहावरा है चोर की दाढ़ी में तिनका, यह वही स्थिति है। सरकार को अपराध ग्रस्त नहीं होना चाहिए। सत्ता पक्ष के आयकर छापों को लेकर सदन में चर्चा कराए जाने को लेकर विपक्ष ने विरोध जताया। संसदीय कार्य मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि आयकर छापा का मामला सदन का विषय है ही नहीं। 



विधानसभा में चर्चा की खास बातें



  • कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव ने दंतेवाड़ा के गीदम तहसील के अंतर्गत वन अधिकार पट्टा धारियों को भूमि अधिग्रहण का मुद्दा उठाया। इस पर राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने जानकारी दी कि भूमि का अधिग्रहण नहीं किया गया। भू अर्जन की प्रक्रिया पिछले सरकार के समय की गई थी। यह विषय संवेदनशील है और इस पर जांच की जा रही है। भाजपा विधायक शिवरतन शर्मा ने कहा कि वहां जावंगा जैसा उच्चस्तरीय संस्थान बनाया गया है। सरकार को अधिकार है कि किसी भी स्थान पर पट्टा दे भी सकती है और निरस्त भी कर सकती है। 

  • प्रश्नकाल के दौरान नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक में विद्या मितानों को अतिथि शिक्षक के रूप में रखने का सवाल पूछा। इस पर स्कूल शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम ने बताया कि विद्या मितानों अतिथि शिक्षक के रूप में नियुक्ति दी गई है। विद्या मितानों को नियमित किए जाने की कोई योजना नहीं है। इस पर धरमलाल कौशिक ने कहा कि विद्या मितानों के स्थान पर दूसरे लोगों को नौकरी दे दी गई। ऐसे 94 लोगों की सूची तो मेरे पास है। इस पर स्कूल शिक्षा मंत्री ने कहा कि मामले में जांच की गई और जांच में जो गलत पाए गए उनके खिलाफ कार्रवाई की गई है।